आज हम आपको फैशिन इंडस्ट्री से जुड़ी एक रोचक जानकारी के बारे में बताने जा रहे हैं, वो चीज जीसको सुनकर आप चौंक जाएंगे। क्या आपने कभी ये सुना है कि दुनिया के कई बड़े-बड़े लग्जरी ब्रॉन्ड समय समय पर अपने बनाए हुए प्रॉडक्ट्स में आग लगा देते हैं। या उन्हें नष्ट कर देते हैं। शायद आपको सुनकर यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन जी हां ये बात पूरी तरह सच है।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये लग्जरी ब्रांडी ऐसा क्यों करते हैं? ऐसा करने से तो उनको काफी नुकसान होता होगा। पर आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। ऐसा करने से तो उन्हें डबल फायदा होता है। आप ये जानकर भी चकित हो जाएंगे कि ऐसा करने से इनका मुनाफ़ा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसे कौन से लग्जरी ब्रॉन्ड (Luxury Brands) है जो ऐसा करते हैं। अपने ही बनाए गए इतने महंगे-महंगे प्रोडक्ट्स को नष्ट कर देते हैं या आग (Burn) लगा देते हैं। आखिर इसके पीछे क्या वजह है। ऐसा करने से इन्हें कौन सा फायदा होता है। ऐसा ये क्यों करते हैं। चलिए अब आपको इससे जुड़ी सच्चाई बताते हैं।
लग्जरी ब्रांड्स अपने ही बनाए प्रोडक्ट में आग लगा देते हैं।

चलिए इस बात को साबित करने के लिए आपको एक सच्ची घटना बताते हैं। साल 2018 में एक अमेरिकी फैशन ब्रॉन्ड बरबेरी (Burberry) ने ऐसा किया था। साल 2018 में इस लग्जरी ब्रांड ने बताया कि 36.8 मिलियन डॉलर का प्रोडक्ट उसने नष्ट किया। जिसे उसने खुद बनाया था। इन सारी कंपनी वालों का मानना है कि ऐसा करना उसकी मार्केटिंग स्ट्रैटजी है।
इस न्यूज़ का खुलासा खुद बरबेरी ने किया था। ऐसा तो सारे ही लग्जरी ब्रांड्स करते हैं। पर इस चीज की सच्चाई बरबेरी ने सामने से बताई।
बरबेरी (Burberry)

आपको बता दें कि (बरबेरी एक ब्रिटिश लक्ज़री फैशन हाउस है जिसकी स्थापना 1856 में थॉमस बरबेरी ने की थी। यह ब्रांड ट्रेंच कोट के लिए सबसे प्रसिद्ध है। ये चमड़े के सामान और जूते भी सेल करती हैं।)
लुईस विटॉन (louis vuitton)
वहीं एक और ब्रांड लुईस विटॉन (louis vuitton) भी ऐसा करता है। अगर बात करें कम्पनी के बारे में तो ये बहुत ही पुरानी कंपनी है। लुईस विटॉन की स्थापना 1854 में हुई थी। यह अपने लेबल (LV) मोनोग्राम के कारण अच्छी तरह से जाना जाता है, यह कंपनी चमड़े के प्रोडक्ट्स, कपड़े, जूते, घड़ियां, गहने, सहायक सामग्रियां, धूप के चश्मे और किताबें सेल करती है। लूई वीटॉन दुनिया के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय फैशन हाउसों में से एक है।

(imagecredit:Google)
प्रोडक्ट में आग लगाने की बताई ये वजह
आपको बता दें कि ये कंपनियां ऐसा इसलिए करती हैं, ताकी मार्केट में उनके प्रोडक्ट की मांग बरकरार रहे। अगर कोई कम्पनी किसी सीजन में नए प्रोडक्ट लॉन्च कर रही है तो, सीज़न के खत्म होते होते ये ब्रांड्स चाहते हैं कि इनका सारा माल बिक जाए। ताकी ये ब्रांड्स हर सीजन में अपने नए प्रोडक्ट को लॉन्च कर सकें। पर अगर उनका माल नहीं बिका तो वो उसे नष्ट कर देते हैं या उनमें आग लगा देते हैं। जिन कपड़ो को रिसाइकल किया जा सकता है। उसे रिसाइकल कर लिया जाता है। ऐसा ये ब्रांड्स इसलिए करते हैं कि ऐसा ना करने से इनकी ब्रॉन्ड इमेज पर बहुत ज्यादा फर्क पड़ेगा।
कम रेट पर भी नहीं बेच सकते है प्रॉडक्ट्स।
ये कंपनियां अपने पुराने माल को को ना ही कम रेट पर बेच सकती हैं और ना ही इसमें कोई भी डिस्काउंट करके बेच सकती हैं। ये ऐसा करना तो नहीं चाहती पर ऐसा करना इनकी मजबूरी है। ऐसा अगर ये ब्रांड्स ना करें तो इससे इनकी ब्रॉन्ड की इमेज पर फर्क पड़ेगा। जो कि ऐसा कंपनी वाले बिल्कुल नहीं चाहते कि ब्रांड इमेज पर कोई फर्क पड़े या इनके ब्रांड का नाम खराब हो।

अगर किसी सीजन के इनके प्रॉडक्ट्स बीके नहीं तो लोगों को ये लगेगा की इतने बड़े ब्रांड का सामान बिका नहीं। और अगर उनके पास पुराने सीजन के कोई प्रोडक्ट्स बचेंगे नहीं तो लोगो को लगेगा की इनका सारा माल बिक गया। लोगों के सामने इन ब्रांड्स को अपनी वैल्यू बनाए रखने के लिए ऐसा करना पड़ता हैं। बस यही वजह है कि जिससे इन्हें अपने पुराने प्रोडक्ट को नष्ट करना या जलाना पड़ता है।
ऐसा करने से इन ब्रांड्स को कोई भी नुकसान नहीं होता।
अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि, अपने ही प्रोडक्ट्स को नष्ट कर देने से तो इन कंपनियों को काफी नुकसान झेलना पड़ता होगा। तो चलिए आपका जवाब दे देते हैं। आपको बता दें कि ऐसा करने से इन ब्रांड्स को कोई हानि नहीं होती। बल्कि ऐसा करना तो इनके लिए काफी लाभदायक होता है। आपको बता दें कि ये नुकसान इन कंपनियों के लिए बड़ा नहीं होता है। इतने नुकसान को तो नगण्य माना जा सकता है।

ऐसा इसलिए की माना कंपनी ने कोई कपड़ा एक लाख का बेचा। पर असलियत में इस प्रॉडक्ट की इतनी कीमत नहीं होती। इस प्रोडक्ट को बनाने में कंपनी को 1000 या दस हजार रुपए तक का ही खर्च आता है। इसलिए इन्हे कोई नुकसान नहीं होता। क्योंकि ये ब्रांड इसके बनाने कि कीमत से कई गुना ज्यादा मुनाफा कमा चुकी होती हैं। इसलिए इतने नुकसान को नगण्य माना जा सकता है।

अब आपको समझ आ गया होगा की बड़े ब्रांड्स ऐसा क्यों करते हैं। क्योंकि इनका इतना बड़ा नाम होता है कि ये अपने ब्रांड के साथ कोई रिस्क नहीं ले सकते।
आपको और बड़े ब्रांड्स जैसे गुची, पराडा, पूमा इन सब का सामान तो किसी भी अच्छी साइट पे मिल जायेगा पर इन ब्रांड्स के प्रॉडक्ट इनके ही साइट्स और चुने गए बुटीक पर ही मिलते हैं।